Adhyashakti Aarti – जय आद्यशक्ति – अम्बे माता की आरती

माँ आद्यशक्ति  जगत जननी है। असुरो और दुष्टो का नाश करने वाली है। नवरात्रि के नो दिन माता जगदम्बे की आराधना की जाती है। माता जगदम्बा को देवी, आद्यशक्ति, दुर्गा, जगत जननी, योगमाया, अम्बे, जैसे अनेक नाम से जाना जाता है। माता आद्यशक्ति की आरती (Adhyashakti Aarti)

सनातन हिन्दू धर्म में धर्म के साथ ज्ञान अद्भुत समन्वय है। हिन्दू धर्म में पूजन अर्चन और आरती का विशेष महत्व है। माता आदिशक्ति की आराधना नवरात्रि में की जाती है।  देवी अम्बे हमें शक्ति प्रदान करती है। मोह माया रूपी संसार में  दुर्गुणों से लड़ने के लिए मन रूपी शस्त्र मजबूत होना चाहिए। मन को मजबूत करने की शक्ति भी हमें माँ जगदम्बा की आराधना से प्राप्त होती है।

 

जय आद्यशक्ति आरती – Jay Adhyashakti Aarti 

Adhyashakti Aarti

जगत जननी अम्बे माता

 

 माता अम्बे की आरती 

 

जय आद्या शक्ति माँ जय आद्या शक्ति।
अखंड भ्रमांड दिपाव्या (2) पड़वे प्रगटिया माँ।।
ॐ जय ॐ जय ॐ माँ जगदम्बे …..

द्रुतिया मेह स्वरुप, शिवशक्ति जाणु माँ शिव शक्ति जाणु।
भ्रह्मा गणपति गावो (2) हर गावो हर माँ।।
ॐ जय ॐ जय ॐ माँ जगदम्बे …..

तृतीया ट्रेन स्वरुप त्रिभुवन माँ बैठा, माँ त्रिभुवन माँ बैठा।
दया थकी तरवेणी (2) तमे तरवेणी माँ।।
ॐ जय ॐ जय ॐ माँ जगदम्बे …..

चौथे चतुरा महालक्ष्मी माँ सचराचर व्याप्या, माँ सचराचर व्याप्या।
चार भुजा चौ दिशा (2) प्रगतिया दक्षिण माँ।।
ॐ जय ॐ जय ॐ माँ जगदम्बे …..

पंचमे पांच ऋषि, पंचमी गुण पदमा, माँ पांच मि गुण पदमा।
पंच तत्त्व त्या सोहिये (2) पंचे तत्वों माँ।।
ॐ जय ॐ जय ॐ माँ जगदम्बे …..

षष्ठी तू नारायणी महिसासुर मार्यो, माँ महिसासुर मार्यो।
नरनारी ने रुपे (2) व्याप्या सर्वे माँ।।
ॐ जय ॐ जय ॐ माँ जगदम्बे …..

सप्त मि सप्त पाताल संध्या सावित्री, माँ संध्या सावित्री।
गौ गंगा गायत्री (2) गौरी गीता माँ।।
ॐ जय ॐ जय ॐ माँ जगदम्बे …..

अष्टमि अष्ट भुजा आई आनंद माँ, माँ आई आनंद माँ।
सुनिवर मुनिवर जन्म्या (2) देवे दैत्यों माँ।
ॐ जय ॐ जय ॐ माँ जगदम्बे …..

नवमी नव कुल नाग सेवे नवदुर्गा , माँ सेवे नवदुर्गा।
नवरात्री ना पुंजन शिवरात्रि ना अर्चन कीधा हर भ्रह्मा।
ॐ जय ॐ जय ॐ माँ जगदम्बे …..

दसमे दस अवतार जय विजयादशमी, माँ जय विजयादशमी।
रामे रावण मार्या (2) रावण रोदयो माँ।
ॐ जय ॐ जय ॐ माँ जगदम्बे …..

दसमे दस अवतार जय विजयादशमी, माँ जय विजयादशमी,
रामे रावण मार्या (2) रावण रोड्यो माँ।
ॐ जय ॐ जय ॐ माँ जगदम्बे …..

एकादशी अगियारस कात्यायनी कामा, माँ कात्यायनी कामा।
काम दुर्गा कलिका (2) श्यामा ने रामा।।
ॐ जय ॐ जय ॐ माँ जगदम्बे …..

बारसे बाळा रूप बहुचरी अम्बा माँ, माँ बहुचरी अम्बा माँ।
बटुक भैरव सोहिये, काल भैरव सोहिये तारा छे तुजमा।।
ॐ जय ॐ जय ॐ माँ जगदम्बे …..

तेरसे तुळजा रूप तम तारुणि माता, माँ तमे तारुणि माँ।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव (2) गुण तारा गाता।।
ॐ जय ॐ जय ॐ माँ जगदम्बे …..

चौदशे चौड़ा रूप चंडी चामुंडा, माँ चंडी चामुंडा।
भाव भक्ति कई आपो, चतुराई कई आपो सिहवाहिनी माता।।
ॐ जय ॐ जय ॐ माँ जगदम्बे …..

पूनमे कुंभ भयो संभाळ जो करुणा, माँ संभाळ जो करुणा।
वशिष्ठ देवे वखाणया, मार्तण्ड मुनि ये वखाणया,गाये सुभ कविता।।
ॐ जय ॐ जय ॐ माँ जगदम्बे …..

संवत सोळ सतावन सोळसे बावीश माँ, माँ सोळशे बावीस माँ।
संवत सोळ माँ प्रगटिया (2) रेवा ने तीरे, माँ गंगा ने तीरे।
ॐ जय ॐ जय ॐ माँ जगदम्बे …..

त्रंबावती  नगरी माँ रूपा वती नगरी, माँ पंचवटी नगरी।
सोळ सहस्त्र त्या सोहिये (2)क्षमा करो गौरी, माँ दया करो गौरी।
ॐ जय ॐ जय ॐ माँ जगदम्बे …..

मानी चुंदड़ी लाल गुलाल शोभा बहु सारी (2)
उड़े अबिल गुलाल माना मंदिर माँ।
ॐ जय ॐ जय ॐ माँ जगदम्बे …..

माँ एका एक स्वरुप अंतर नव धरसो।(2)
भोळा भवानी ने भजता, भव सागर तरसो।।
ॐ जय ॐ जय ॐ माँ जगदम्बे …..

शिव शक्ति नी आरती जे कोई गाशे, माँ जै कोई गाशे।
भणे शिवानंद स्वामी (2) सुख सम्पति थासे, हर कैलासे जाशे,
माँ अम्बा दुःख हरशे। ॐ जय ॐ जय ॐ माँ जगदम्बे …..

 

 शिवजी – भोलेनाथ की आरती

 महालक्ष्मी जी की आरती

 विग्नहर्ता गणेशजी की आरती

 श्री हनुमान चालीसा

 

माता आद्यशक्ति की आरती (Adhyashakti Aarti) सनातन धर्म में सबसे ज्यादा गायी जाने वाली आरती मे से एक है। लगभग हरेक घरमे माता जगदम्बे की आरती होती है।  

Sharing Is Caring:

Leave a Comment