सनातन हिन्दू धर्म में माता गायत्री को वेदो की माता कहा जाता है। वेदमाता देवी गायत्री के चालीसा (Gayatri Chalisa in Hindi) का यहाँ वर्णन किया गया है। माता गायत्री के भक्तो के द्वारा वेदमाता के इस चालीसा का पठन नित्य किया जाता है।
हिन्दू धर्म का आधार स्तम्भ वेदो को माना जाता है। यह वेद माता गायत्री के हाथो में दर्शाया जाता है। ज्ञान का भंडार माता गायत्री का वाहन हंस है। जिसे हम निचे के पिक्चर में देख सकते है।
माता गायत्री का मंत्र जग विख्यात है। भक्तो के सर्वे दुःख हरने वाला मंत्र सनातन हिन्दू धर्म के श्रेष्ठ मंत्रो में से एक है। यहाँ हम माता गायत्री के चालीसा का पठन करेंगे । माता गायत्री के चालीसा का भी अद्भुत महत्व है और लाभदायी है।
हमारे देश और विदेश में भी चल रहे गायत्री परिवार द्वारा गायत्री चालीसा( Gayatri Chalisa) का नित्य पथ होता है। कही जगह गायत्री परिवार चालीसा का पठन करने के लिए इक्कठे भी होते है। गायत्री परिवार सच्चे अर्थ में माता गायत्री के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रदान करता है ।
माता गायत्री के चालीसा अनेक भाषाओ में उपलब्ध है। यहाँ हम गायत्री चालीसा को हिंदी में(Gayatri Chalisa in Hindi) पठन करेंगे।
वेदमाता गायत्री चालीसा का पठन – Gayatri Chalisa in Hindi
श्री गायत्री चालीसा- Shree Gayatri Chalisa
दोहा
हीं श्रीं,क्लिं, मेघा, प्रभा, जीवन ज्योति प्रचण्ड।
शांति, क्रांति, जागृति, प्रगति रचना शक्ति अखंड।।
जगत जननी, मंगल करनि,गायत्री सुखधाम।
प्रणवो सावित्री, स्वधा, स्वाहा पूरन काम।।
श्री गायत्री चालीसा चोपाई
भूभुर्वः स्वः ॐ युत जननी।
गायत्री नित कलिमल दहनी।।
अक्षर चौबीस परम पुनिता।
इनमे बंसे शास्त्र,श्रुति,गीता।।
शाश्वत सतोगुणी सतरुपा।
सत्य सनातन सुधा अनूपा।।
हंसारूढ सीतम्बर धारी।
स्वर्णक्रांति शुचि गगन बिहारी।।
पुस्तक पुष्प कमंडलु माला।
शुभ्र वर्ण तनु नयन विशाला।।
ध्यान धरत पुलकित हिय कोई।
सुख उपजत, दुःख दुरमति खोई।।
कामधेनु तुम सुर तरु छाया।
निराकार की अद्भुत माया।।
तुम्हारी शरण गहै जो कोई।
तरै सकल संकट सों सोई।।
सरस्वती लक्ष्मी तुम काली।
दीपे तुम्हारी ज्योत निराली।।
तुम्हारी महिमा परान पावें।
जो शारद शत मुख गुण गावें।।
चार वेद की मातु पुनिता।
तुम ब्रह्माणी गौरी सीता।।
महामंत्र जितने जग माहिं।
कोउ गायत्री सम नहीं।।
सुमिरत हिय में ज्ञान प्रकाशे।
अलस पाप अविधा नासै।।
सृष्टि बीज जननी भवानी।
कल रात्रि वरदा कल्यानी।।
ब्रह्मा विष्णु रुद्र सुर तेजे।
तुम सों पावें सुरता तेते।।
तुम भक्तन की भक्त तुम्हारे।
जननिहिं पुत्र प्राण ते प्यारे।।
महिमा अपरम्पार तुम्हारी।
जै जै जय त्रिपदा भय हारी।।
पूरित सकल ज्ञान विज्ञाना।
तुम सम अधिक न जग में आना।।
तुमहीं जानि कछु रहे न शेषा।
तुमहीं पाय कछु रहे न क्लेषा।।
जानत तुमहिं, तुमहिं है जाई।
पारस परसि कुधातु सुहाई।।
तुम्हारी शक्ति दीपै सब ठाई।
माता तुम सब ठौर समाई।।
ग्रह नक्षत्र भ्रह्माण्ड घनेरे।
सब गतिवान तुम्हारे प्रेरे।।
सकल सृष्टि की प्राण विधाता।
पालक पोषक नाशक त्राता।।
मातेश्वरी दया व्रत धारी।
तुम सन तरे पतकी भारी।।
जापर कृपा तुम्हारी होई।
तापर कृपा करें सब कोई।।
मंद बुद्धि ते बुद्धि बल पावें।
रोगी रोग रहित है जावें।।
दारिद मिटै कटै सब पीरा।
नाशै दुःख हरै भव भीरा।।
गृह कलेश चित चिंता भारी।
नासै गायत्री भय हारी।।
संतिति हीन सुसंतिति पावें।
रोगी रोग रहित है जावें।।
भूत पिशाच सबै भय खावैं।
यम के दूत निकट नहीं आवें।।
जो सधवा सुमिरें चित लाई।
अछत सुहाग सदा सुखदाई।।
घर वर सुख प्रद लहैं कुमारी।
विधवा रहे सत्य व्रत धारी।।
जयति जयति जगदम्ब भवानी।
तुम सम और दयालु न दानी।।
जो सद्गुरु सों दीक्षा पावें।
सो साधन को सफल बनावें।।
सुमिरन करें सुरुचि बड़भागी।
लहैं मनोरथ गृही विरागी।।
अष्ट सिद्धि नव निद्धि की दाता।
सब समर्थ गायत्री माता।।
ऋषि, मुनि, तपस्वी, जोगी।
आरत, अर्थी, चिंतित, भोगी।।
जो जो शरण तुम्हारी आवें।
सो सो मन वांछित फल पावें।।
बल, बुद्धि, विद्या, शील स्वभाउ।
धन वैभव यश तेज उछाउ।।
सकल बढें उपजे सुख नाना।
जो यह पाठ करै धरी ध्याना।।
दोहा
यह चालीसा भक्तियुत, पाठ करे जो कोय।
तापर कृपा प्रसन्नता, गायत्री की होय।।
गायत्री चालीसा के लाभ – Benifit of Gayatri Chalisa
किसी भी देवी देवता का नित्य स्मरण हमें दैवी शक्ति के करीब ले जाता है। गायत्री चालीसा का नित्य स्मरण हमें वेदमाता गायत्री के समीप ले जाता है। मनुष्य संसार में अनेक समस्या ओ से लिप्त रहता है। भक्त गण अपनी सभी समस्या का निवारण हेतु गायत्री चालीसा का नित्य पठन करते है । गायत्री चालीसा से होने लाभ में अगणित है।
1- एकचित्त और मन से तल्लीन होकर किया गया गायत्री चालीसा हमारे तन और मन को शांति प्रदान करता है।
2- गायत्री चालीसा के नित्य पाठ से हमारे दुःख दूर होते है। मनुष्य के जीवन से अज्ञानता और आलस दूर होते है।
3- निसंतान दम्पति पूर्ण श्रद्धासे गायत्री चालीसा का पाठ करते है तो, संतान प्राप्ति का फल मिलता है ।
4- वेदमाता गायत्री ज्ञान का भंडार है। नित्य उनका स्मरण से हमरे ज्ञान में बढ़ोतरी होती है। निर्णय लेने की शक्ति बढ़ती है।
5- परम कृपालु माता गायत्री के चालीसा और नाम के समरण करने से बीमारी दूर रहती है।
6- गायत्री साधना से अपने आप को माता के शरण में रखने वाले मनुष्य चिंतामुक्त और भयमुक्त हो जाता है।
7- माता गायत्री के चालीसा के पाठ करने से जीवन में सुख, सम्पति, धैर्य और साहस बढ़ता है।
8- हर रोज गायत्री चालीसा से मनुष्य ऊर्जावान बनता है और जीवन में प्रगति करता है। उसपे हमेशा माता गायत्री की कृपा बानी रहती है।
कैसे करे गायत्री चालीसा का पाठ – विधि
किसी भी देवी देवता की पूजन विधि एक निश्चित प्रकार से होती है। योग्य फल की प्राप्ति के लिए चोक्कस उपासना पद्धति का पालन करना चाहिए। हमारी मनोकामना पूर्ण करने हेतु हमें पूजन विधि में हर छोटी बड़ी चीज का ध्यान रखना जरुरी है।
यहाँ माता गायत्री के चालीसा प् पाठ करने से पहले हमें क्या करना चाहिए इसका मार्गदर्शन है। इसे जरूर अनुशरणा चाहिए।
1 – कल्याण कारी माता गायत्री का चालीसा करने से पहले तन मन से पवित्र होना जरुरी है।
2- गायत्री चालीसा का पाठ करने के लिए संध्या समय, याने सुबह सूर्योदय और साम सूर्यास्त का समय सबसे उत्तम है।
3- गायत्री चालीसा का पाठ हमरे देवस्थान पे हो तो सबसे अच्छा है। कारन वश हम दूर है तो भी कर सकते है।
4- योग्य फल की प्राप्ति के लिए किसी भी काम में नियमितता होनी जरुरी है। गायत्री चालीसा का पाठ नियमित एक समय पे करे।
5- देवस्थान स्वच्छ होना चाहिए । जिस आसान पर बैठा है वो स्वच्छ होना जरुरी है। आसान सफ़ेद हो तो बेहतर है।
6- चालीसा का पाठ करने से पहले हमें दिप जलाना है। धूपसली जलाना है। और माता गायत्री का स्मरण करना है।
7- हमारे पास फूल या फूल माला है तो वेदमाता को अर्पण करना है।
8- हमारी चारो तरफ शांत वातावरण हो यह उत्तम है ।
9- मन से तल्लीन होके एक चित्त से माता गायत्री के चालीसा का पाठ करना है।
ऊपर दिए गए विधि से गायत्री चालीसा का पठन करने से माता सबकी मनोकामना पूर्ण करती है। श्रद्धा और भक्ति में भाव पूर्वक माता गायत्री के चालीसा का पठन करने वाले की सभी भक्तो की मनोकामना पूर्ण करे यह कामना करता हु।
मातृभाषा हिंदी में वेदमाता गायत्री चालीसा का पठन , श्री गायत्री चालीसा , श्री गायत्री चालीसा चोपाई , गायत्री चालीसा के लाभ , कैसे करे गायत्री चालीसा का पाठ – विधि आदि का आपका यह त्रुटि रहित प्रयास अत्यंत सराहनीय होने के साथ – साथ अनुकरणीय भी है , आगे भी आप इसी तरह चालीसा संग्रह के पाठकों के लिए सम्पूर्ण चालीसा संग्रह उपलब्ध कराएं यह निवेदन हैं .. मां गायत्री की कृपा आप पर सदैव बानी रहें यही शुभकामना है ।
Bahut dhanyavad