Kavi Kamboi Stambheshwar Mahadev Temple
बेहद सुन्दर और आह्लादक दृश्य का नजारा हमें पिक्चर में दिख रहा है, वह कवी कम्बोई स्थित स्तंभेश्वर महादेव का मंदिर है। कवी कम्बोई भरुच डिस्ट्रिक्ट के जम्बूसर तहसील में पड़ता है। महिसागर के तट पैर बिराजमान महादेव का शिवलिंह के रूप में अलौकिक स्वरुप है। महाराज कार्तिकेय द्वारा स्थापित इस शिवलिंग की सम्पूर्ण माहिती यहाँ विस्तार से वर्णन की गयी है।
Kavi Kamboi Stambheshwar Mahadev Temple Darshan Timing
गुजरात के कावी कम्बोई स्थित स्तंभेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन के लिए टाइमिंग जानना बहुत जरुरी है। कही बार दूर दूर से ए दर्शनार्थी को बिना दर्शन वापस जाना पड़ता है। या फिर कही घंटो तक का इंतजार करना पड़ता है।
Stambheshwar Mahadev Temple में शिवलिंग का दर्शन करना अति महत्व पूर्ण है। पर यह शिवलिंग पर दिन में दो बार समुद्र जलाभिषेक करता है। सागर में स्थित स्तंभेश्वर महादेव का मंदिर समुद्र के पानी में दुब जाता है।
समुद्र का पानी कब आता है ? कब शिवलिंग के दर्शन कर सकते है ? इसके लिए Stambheshwar mahadev Timing देखना बहुत जरुरी है।
Kavi kamboi stambheshwar mahadev मंदिर के टाइमिंग हिन्दू कैलेंडर तिथि के अनुशार होता है। आने वाला पानी महासागरीय ज्वार या जई पे आधार रखता है।
ज्वार याने पानी का किनारे की तरफ आना। इसे भर्ती भी कहा जाता है।
जई याने पानी का किनारे से दूर जाना। इसे ओट भी कहा जाता है।
समुद्र में ज्वार और जई की प्रक्रिया दिन में दो बार होती है। याने 24 घंटे में दो बार होती है। ज्वार के दौरान आने वाला समुद्र का पानी जैसे शिवलिंग पे अभिषेक करता है। धीरे धीरे शिवलिंग पानी में डूबता है।
Stambheshwar Mahadev Shivling
Stambheshwar mahadev Kavi Kamboi timing – कावी कम्बोई भर्ती टाइम
हिन्दू कलैंडर में तिथि होती है। उस तिथि के अनुशार किस समय पानी आता है। किस समय हम भगवान भोले नाथ का दर्शन कर सकते है ये आप निचे दिए गए टाइमिंग से त्यय कर सकते है।
आप जिस तारीख को दर्शन के लिए जाते हो उस तारीख को कोनसी तिथि है ये देख लो दर्शन का समय पता चल जायेगा।
Kavi Kamboi Temple Timing
हिन्दू कैलेंडर तिथि | सुबह दर्शन का समय | शाम दर्शन का समय |
एकम | 9:15 TO 15:45 | 21:15 TO 03:45 |
द्रितीय | 10:30 TO 16:30 | 22:30 TO 04:30 |
तृतीया | 11:15 TO 17:15 | 23:15 TO 05:15 |
चतुर्थी | 12:00 TO 18:00 | 00:00 TO 06:00 |
पंचमी | सूर्योदय TO 7:00 | 13:00 TO 16:00 |
षष्ठी | सूर्योदय TO 7:45 | 13:15 TO 19:15 |
सप्तमी | सूर्योदय TO 8:00 | 14:30 TO 20:30 |
अष्टमी | सूर्योदय TO 9:45 | 15:15 TO 21:15 |
नवमी | सूर्योदय TO 10:00 | 16:00 TO 22:00 |
दसमी | सूर्योदय TO 10:45 | 16:45 TO 22:45 |
एकादशी | 05:30 TO 11:30 | 17:30 TO 23:30 |
द्वादशी | 06:30 TO 12:30 | 18:30 TO 00:30 |
त्रयोदशी | 17:15 TO 13:15 | 19:15 TO 01:15 |
चतुर्दशी | 08:00 TO 14:00 | 20:00 TO 02:00 |
अमावश्या – पूनम | 09:00 TO 15:00 | 21:00 TO 03:00 |
Kavi Kamboi Jambusar – कावी कम्बोई जंबूसर
Kavi Kamboi गांव गुजरात राज्य के जंबूसर तहसील और भरुच जिल्ला में पड़ता है। वाई कावी और कम्बोई दो अलग – अलग गांव है। कावी गांव बड़ा है। करीब दस बारा हज़ार की बस्ती वाला एक क़स्बा है। उसके नजदक सिर्फ दो से तीन किलीमीटर दुरी पर कम्बोई नाम का गांव है। ये कम्बोई गांव समुद्र के किनारे पड़ता है। कम्बोई के नजदीक बड़ा गांव कावी होने से कावी कम्बोई कहा जाता है।
स्तंभेश्वर महादेव कम्बोई (Stambheshwar Mahadev Kamboi) गांव के समुद्र तट पर बिराजमान है। स्तंभेश्वर महादेव की बजह से आज कावी कम्बोई और जंबूसर को दुनिया पहचानने लगी है।
बेहद खबसूरत और दिल को मेह लेने वाला यह दृश्य में शिवलिंग रूपी हमदेव का एक स्वरुप है। जिसका दर्शन से धन्यता का अनुभव होता है।
Kavi Kamboi Stambheshwar Mahadev Temple
kavi kamboi Mandir की विशेषता –
Kavi Kamboi स्थित स्तंभेश्वर महादेव के दरधान करने दूर दराज से लोग आते है। कही लोग कहते है की यह मंदिर दिन में दो बार गायब हो जाता है। दरसल ये गायब नहीं होता है। सागर में ज्वार और जई ये एक कुदरती प्रक्रिया है। ये किसी भी समुद्र में होता है।
पर इस मंदिर की विशेषता यह है की ये समुद्र के अंदर है। स्तंभेश्वर महादेव मंदिर का शिवलिंग सागर में है। SAGAR के किनारे से लगभग 100 मीटर अंदर है। समुद्र के अंदर शिवलिंग होने के कारण दिन में दो बार जब ज्वार ( भर्ती ) होती है तब शिवलिंग पानी में दुब जाता है। और जब जई ( ओट ) होती है तब शिवलिंग का दर्शन होता है।
सबसे अच्छी बात यह है की प्रशासन ने यह मंदिर की रचना बेहतरीन की है। स्तंभेश्वर महादेव शिवलिंग की चारो तरफ लोग खड़े रहके दर्शन कर सकते है। और ये नजारा जब पानी आता है, तब देखने लायक होता है। समुद्र खुद जलाभिषेक करता हुआ दिखाई देता है। चारो तरफ खड़े हुए लोग ॐ नमः शिवाय का मंत्र बोलते है। पूरा वातावरण भक्तिमय बन जाता है।
kavi Kamboi Stambheswar Mahadev mandir History
करीब छ हजार साल पहले वेद व्यास ने स्कंध पुराण लिखा है। उस स्कंध पुराण में स्तंभेश्वर तीर्थ का उल्लेख किया गया है।
स्कंध महापुराण के कुमारिका खंड में पान नंबर ७२ से 189 पान तक विस्तृत में बताया गया है। इसमें स्तंभेश्वर महादेव तीर्थ की सम्पूर्ण माहिती दी गयी है।
पौराणिक कथा के अनुशार शिव पुत्र कार्तिकेय ने तारकासुर राक्षश का वध किया था। तारकासुर राक्षश महादेव का भक्त था। अपनी भक्ति से उन्होंने महदेव से शक्ति हांसिल कि थी।
तारकासुर की शक्ति के कारण देव दानव के युद्ध में देवो को परेशान कर दिया था। तारकासुर के पकोप से सभी देव विचलित थे। देवो के सेनापति पार्वती पुत्र कार्तिकेय थे । उन्होंने तारकासुर का वध किया।
तारकासुर के वध के बाद कार्तिकेय को पता चला की ये महादेव का भक्त था। शिव पुत्र मन ही मन दुखी हो रहा था। उन्होंने भगवान विष्णु के पास जाकर प्रायश्चित करने की इच्छा जताई।
भगवान विष्णु के कहने पर जिस जगह तारकासुर का वध किया था। उसी जगह शिवलिंग की स्थापना करने को कहा। देवो के सेनापति कार्तिकेय ने उसी जगह शिवलिंग की स्थापना की। जिसे स्तंभेश्वर महादेव कहा जाता है।
किसने खोजा स्तंभेश्वर शिवलिंग स्तंभेश्वर महादेव( Stambheshwar Mahadev Temple)
करीब 30 साल पहले एक साधु महिसागर के किनारे से आये थे। ये साधु महाराज का नाम श्री स्वामी विद्यानंदजी महाराज है। स्कंध पुराण से ये माहिती लेकर महिसागर में शिवलिंग खोजते आगे बढ़ रहे थे। कम्बोई के समुद्र पट पर सागर और महिसागर का संगम होता है। उन्होंने समुद्र में स्थित स्तंभेश्वर महादेव के शिवलिंग को खोज निकला।
30 साल पहले यहाँ सिर्फ शिवलिंग ही था। श्री विद्यानंदजी महाराज के प्रयत्नों से आज इसे देश में ही नहीं विदेश मे भी ख्याति मिली है।
विद्यानंदजी महाराज का कहना है, की ये तीर्थ हजारो साल पहले एक प्रचलित स्थल था। समय जाते ये अपभ्रंश की अवस्था पे पड़ा हुआ था। जिसे स्वामी विद्यानंदजी ने खोज निकला।
Stambheshwar Mahadev mandir Activity – मंदिर प्रशासन का कार्य।
लोक सेवा के बहोत सारे कार्य इस मंदिर संचालन के द्वारा किया जाता है।
स्तंभेश्वर महादेव मंदिर प्रशासन सराहनीय काम कर रहा है। दर्शनार्थी के लिए तमाम सुविधा उपलब्ध कराने की पूरी कोशिश जाती है।
Kavi Kamboi Mandir प्रशासन बालको को पढ़ाता है। वहा रहने खाने की पूरी व्यवस्था करता है। तमाम प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराता है।
मंदिर संचालक गौशाला को भी चलाता है। गायो का पालन पोषण किया जाता है। गौशाला में भी अच्छी सुविधा उपलब्ध कराई गयी है।
सबसे अच्छी सुविधा के रूप में वहां फ्री में भोजन मुहैया कराया जाता है। मंदिर प्रशासन की तरफ से अन्नक्षेत्र चलाया जाता है। दर्शन करने के लिए आनेवाले हजारो लोग इस भोलेनाथ के प्रसाद से तृप्त हो जाते है।
भोजन के लिए कोई भी पैसा नहीं देना है। यदि हम स्वेछा से दान करना चाहे तो दान कर सकते है।
Distance Between Vadodara to kavi kamboi – वड़ोदरा से कावी कम्बोई कैसे जाते है ?
वड़ोदरा से कावी कम्बोई का अंतर लगभग 80 किलीमीटर तोता है। वड़ोदरा से कावी कम्बोई जाना है तो हम By Road ही जा सकते है। कावी कम्बोई ( Kavi Kamboi) जाने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन वड़ोदरा और भरुच है। कावी कम्बोई जाने के लिए जंबूसर जरूर जाना पड़ता है। जंबूसर एक तहसील है।
Vadodara to Jambusar Distance 50 किलोमीटर है।
Jambusar to kavi kamboi Distance 30 किलोमीटर है।
कुल मिलाके Vadodara to kavi kamboi Distance -80 किलोमीटर होता है।
वड़ोदरा से जंबूसर के लिए सरकारी बस मिलती है। और जंबूसर से कावी कम्बोई के लिए भी सरकारी बस सेवा होती है।
Distance Between Surat to kavi kamboi Mandir – सूरत से कावी कम्बोई मंदिर
सूरत से कावी कम्बोई मंदिर का अंतर लगभग 150 किलोमीटर है।
सूरत से कावी कम्बोई जाने के लिए भरुच आना पड़ता है। सूरत से भरुच तक By railway या By Road जा सकते है।
भरुच से कावी कम्बोई जाने के लिए सिर्फ By Road जा सकते है।
Bharuch to Kavi Kamboi Distance 77 किलोमीटर है।
भरुच से BY Road पहले जंबूसर जाना पड़ता है। jambusar to kavi kamboi Distance 30 किलोमीटर है।
सूरत से भरुच और भरुच से जंबूसर के लिए सरकारी बस मिलती है। और जंबूसर से कावी कम्बोई के लिए भी सरकारी बस सेवा होती है।
मंदिर परिसर से समुद्र के उछालते हुए मोज़े आह्लादक लगते है। ज्वार होता है तब लगया है, महादेव भक्तो से दूर ध्यानावस्था में चले गए है। जैसे पानी कम होता है अपना नयनरम्य रूप दिखाते है।
खम्भात और कम्बोई के बिच के पट पर महिसागर नदी का मिलन समुद्र से होता है। यहां पर है भक्तो की सभी मनोकामना पूर्ण करने वाला स्तंभेश्वर महादेव मंदिर।
Kavi Kamboi Stambheshwar Mahadev Temple Cuntact Number
कावी कम्बोई प्रशासन का संपर्क करना चाहे तो हम संपर्क कर सकते है।
निचे मोबाइल नंबर और ईमेल एड्रेस दिया गया है।
मोबाइल नंबर +91 98250 62695,+91 98250 97438
Email Address – mahadevstambheshwar@gmail.com
Nareshwar Dham- गुजरात भरुच – नारेश्वर श्री रंग अवधूत मंदिर
Sarasvati Mata Mantra – माँ सरस्वती वंदना मंत्र
Kavi Kamboi Stambheshwar Mahadev Temple के इस आर्टिकल में सम्पूर्ण जानकारी दी गयी है। आशा है ये आपके लिए Helpful होगी। अधिक जानकारी के लिए कमेंट कर सकते हो।