krishna bhagwan ki aarti – कृष्ण भगवान की आरती

यहाँ जगद्गुरु भगवान श्री कृष्णा की आरती है। (krishna bhagwan ki aarti) जिसे विश्व में सभी कृष्णा मंदिर में गान किया जाता है।

हिन्दू सनातन धर्म में भगवान श्री कृष्ण को पूर्णपरसोत्तम माना जाता है। जगत की कोई ऐसी लीला नहीं जिससे भगवान कृष्ण को मालूम नहीं। पुरी दुनियामे कृष्ण भगवान के भक्त है। और हिन्दू धर्म में मानने वाले के घर शायद ही भगवान की फोटो न हो। और भगण की पूजा न होती हो । 

भगवान कृष्ण के भक्त हररोज उनकी पूजा अर्चना करते है, और आरती करते है। भगवान कृष्ण के अनेक नाम है। कोई कृष्ण कहता है, कोई गोविन्द कहता है, तो कोई योगेश्वर कहता है।  ठीक उसी तरह कृष्णा भगवान की आरती भी बहुत सारी है। यहाँ भगवान कृष्ण की प्रसिद्ध आरती लिखी गयी है ,  आरती कूंज बिहारी की ।

 

श्री कृष्णा आरती –  आरती कूंज बिहारी की 

 

krishna bhagwan ki aarti

 

कृष्ण भगवान की आरती- krishna bhagwan ki aarti

आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरघर कृष्ण मुरारी की।
आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरघर कृष्ण मुरारी की।

गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर वाला।
श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंद लाला।

गगन सम अंग कांति काली,राधिका चमक रही आली।
लतन में ठाढ़े बनमाली,
भ्रमर सी अलक
कस्तूरी तिलक
चंद्र सी झलक
ललित छवि श्यामा प्यारी की, श्री गिरघर कृष्ण मुरारी की।
आरती कुंज बिहारी की……

कनकमय मोर मुकुट बिलसे, देवता दर्शन को तरसे।
गगन सो सुमन रासि बरसे,
बजे मुरचंग
मधुर मिरदंग
ग्वालिन संग
अतुल रति गोप कुमारी की, श्री गिरधर कृष्ण मुरारिकी।
आरती कुंज बिहारी की ……

जहा ते प्रकट भई गंगा, सकल मन हरिणी श्री गंगा।
स्मरण ते होत मोह भंगा,
बसी शिव सीस
जटा के बिच
हरे अध् कीच
चरण छबि श्री बनवारी की, श्री गिरघर कृष्ण मुरारी की।
आरती कुंज बिहारी की …….

चमकती उज्जवल तट रेनू , बज रही वृन्दावन बेनु।
चहु डीसी गोपी ग्वाल धेनु,
हंसत मृदु मंद
चांदनी चंद
कटक भव फंद
टेर सुन दिन दुखारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की।
आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरघर कृष्ण मुरारी की।

 

भगवान कृष्ण की आरती का महत्व 

कहा जाता है की, हिन्दू धर्म में 33 करोड़ देवी देता है। हरेक देवी देवता की पूजन अर्चन और आरती होती है। किसी भी देवी देवता का पूजन आरती के बिना अधूरा होता है। आरती भगवान के नजदीक जाने का एक जरिया है। जिसमे भगवान कृष्ण के गुणगान होते है। उनके जीवन का दर्शन होता है। और एक भक्त के तोर पे हमारी भावना होती है। 

आरती भक्त को भगवान के समीप ले जाती है। पूर्ण श्रद्धा और एकत्र चित से की गयी आरती मन को प्रफुल्लित कर देती है। भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने हेतु भक्तो द्वारा सुबह साम krishna bhagwan ki aarti गायी जाती है। विशेष रूप से जन्माष्टमी के दिन पूरी दुनिया में भगवान कृष्णा की इस आरती का पठन और गान होता है।

भगवान श्री कृष्ण का ज्ञान गीता 

श्री कृष्ण भगवान का अति प्रसिद्ध ज्ञान गीता है। जो हिन्दू धर्म का धर्मग्रंथ भी कहा जाता है। इसमें भगवान श्री कृष्ण द्वारा दिया गया उपदेश आज  भी लाखो लोग के जीवन को प्रभावित करता है। कुरुक्षत्र के रण मैदान में अर्जुन विचलित हुआ था। ऐसे समय में भगवान कृष्ण को गीता का ज्ञान दिया था।

आज भी संसार सागर में अर्जुन जैसे हज़ारो लोग गीता से प्रेरणा लेते है। कहते की दुनिया में ऐसी कोई समस्या नहीं है, जिसका उकेल गीता में नहीं है। गीता के ज्ञान योग, कर्म योग, भक्ति योग अद्रितीय है। भगवान कृष्णा की आरती के साथ गीता का भी पठन एवं श्रवण होता है।

 

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भगवान कृष्ण के आरती में ( krishna bhagwan ki aarti) आरती कूंज बिहारी की गिरधर कृष्ण मुरली की। ये बहुत ही प्रचलित आरती है। लगभग हरेक कृष्ण मंदिर में यह आरती गायी जाती है।

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