सनातन धर्म में ज्ञान और धर्म का समन्वय है। हिन्दू धर्म में व्रत एवं कथा का खूब महत्व है। इसमें भी भगवान भोले नाथ का पशुपतिनाथ व्रत अद्भुत है। धर्माचार्यो की माने तो अति शीघ्र लाभ पाने के लिए यह व्रत उत्तम है। यहाँ पशुपतनाथ व्रत (Pashupatinath Vrat) पूरा वर्णन है।
Pashupatinath Vrat – भगवान पशुपतिनाथ का व्रत एवं महिमा
पशुपतिनाथ व्रत क्या है ? पशुपतिनाथ व्रत कैसे करे ? ये व्रत को पशुपति नाथ व्रत क्या कहते है ? ये व्रत किसे करना चाहिए ? ये व्रत से क्या लाभ होते है ? पशुपतिनाथ व्रत की विधि क्या है ? यह सारे सवालों के जवाब आपको यहा मिलेंगे। भगवान भोले नाथ का स्मरण करके आगे बढे।
पशुपतिनाथ व्रत क्या है ? Pashupatinath Vrat kya hai ?
पशुपतिनाथ व्रत का उल्लेख शिव महापुराण में है। सृष्टि के सर्जन हार, देवो के देव महादेव संसार के मोह माया से परिचित है। संसार के सभी पशुओ के मालिक है, नाथ है इसीलिए उसे पशुपतिनाथ कहते है।
एक कहावत है ! मानव मात्र भूल ने पात्र। याने हर एक मनुष्य से जीवन में कही न कही गलती हो जाती है। और कर्म के विधान के अनुशार अपने कर्म फल भुगतने पड़ते है।
अच्छे कर्म करने वाले को अच्छा फल मिलता है। बुरा कर्म करने वाले को अपने कर्म के हिसाब से उन्हें फल मिलता है।
हम मनुष्य है पर कही बार हम मानवता छोड़ पशु जैसा वर्तन करते है। पशु जैसा वर्तन का अर्थ है, हम मानव है, ये भूल कर हम गलत काम करते है। जो एक मनुष्य को शोभा नहीं देता। कर्म के सिद्धांत के अनुशार हमें हरेक कर्म की सजा भुगतनी पड़ती है।
कही बार हमारे पापों का पटरा इतना बड़ा होता है की, उससे मिलने वाले दुःख सहन करने की शक्ति नहीं होती। जीवन में अचानक आने वाली आफ़ते हमें विचलित कर देती है। आगे का रास्ता नहीं दिख रहा होता। यहाँ तक की हम मृत्यु के लिए भी सोचने लगते है।
हमें दुःख की इस घडी से बहार निकलना है। तो हमें भगवान पशुपतिनाथ का व्रत करना चाहिए।
पशुपतिनाथ व्रत से पहले क्या करे ?
हमारे कर्म हमें पता है और भगवान को पता है। कोई भी मनुष्य का अच्छा या बुरा होता है तो उसे उसका कारण भी उसे पता होता ही है।
हम हमारे कर्म का पश्च्याताप करना चाहते है। प्रायश्चित हम जिस मुसीबत से गुजर रहे है उसे छुटकारा पाना चाहते है। हम आगे का जीवन परिवार के साथ सच्चे मनुष्य की तरह बिताना चाहते है। तो हमें यह व्रत अवश्य करना चाहिए।
पर व्रत करने से पहले हमें निस्पाप होना है। मन, वचन, कर्म से किसी का गलत नहीं करना है और नाही गलत सोचना है।
हमें शुद्ध होके भगवान भोलेनाथ के शरण में जाना है। उनसे प्राथना करना करना है, की है प्रभु जाने अनजाने में हमसे कोई गलती हुई हो तो हमें क्षमा करे। हमारी गलती हम दुबारा नहीं दोहराएंगे। हम पे कृपा करो और जीवन की इस मुश्किल घडी से हमें बहार निकालो।
पशुपतिनाथ का व्रत दो तरह से प्रचलित है। दोनों प्रकार के व्रत की विधि यहाँ वर्णन की गयी है। शिवपुराण के हिसाब से जो व्रत की विधि है उसे भी यहाँ वर्णन किया गया है।
हमें सच्चे मन से भगवान भोलेनाथ की भक्ति करनी है। यह हमारा लक्ष्य होना चाहिए। मेने यहाँ दो इसीलिए लिखा है क्युकी, लोग दोनों व्रत करते है। और अपनी श्रद्धा के अनुशार फल की प्राप्ति करते है।
पशुपतिनाथ का व्रत कैसे करते है ?
भगवान शंकर को भोले नाथ कहते है। क्युकी वो भक्तो की मनोकामना शीघ्र ही पूरी करते है। पशुपतिनाथ व्रत भी मनोकामना पूर्ण करने वाला और सभी समस्या दूर करने वाला व्रत है।
पशुपतिनाथ व्रत (Pashupatinath Vrat) सोमवार को आरंभ किया जाता है। इसे आप किसी भी महीने के किसी भी सोमवार से आरंभ कर सकते है।
ये व्रत पांच सोमवार का होता है। सोमवार के दिन व्रत रखना है। आखरी याने पांचवे सोमवार को उद्यापन करना होता है।
जिस सोमवार को व्रत शरुआत करते हो, उसी सोमवार को सुबह स्नान करके शिवालय जाना है।
हमारे घरके नजदीक का मंदिर, जहा शिवजी का सारा परिवार हो वहां जाके पूंजा अर्चना करना है।
पूंजा की थाली में शिवजी को जो पसंद है वह सारी पूंजा सामग्री ले। जिसमे बिल्वपत्र, धतूरा का पान, गंगा जल या स्वच्छ पानी, दूध, पंचामृत, पुष्प, धुप सली और दीपक लेके जाये।
पूर्ण भक्तिभाव से पूंजन अर्चन करे। अपनी समस्या दूर करने हेतु आप यह व्रत कर रहे है, ये मन ही मन भगवान को कहे। और भगावन पशुपतनाथ का स्मरण करे। समय हो तो ॐ नमः शिवाय का जाप करे, ध्यान करे।
सूर्यास्त के समय मंदिर में पूंजन कैसे करे ?
सामको फिर एक बार स्नान करके शिवजी के मंदिर जाना है। पूंजा की थाली में 6 दीपक लेके जाये। पांच वही पे मंदिर में जलाये और छठा दीपक अपने घर लाना है।
छठे दीपक को घर के प्रवेश द्वार में ही दाहनी बाजु में रखकर उसे प्रजवल्लित करे।
सामको मंदिर में प्रसाद लेके जाना है। प्रसाद में कोई भी मिठाई बना सकते है। इसमें चूरमा के लड्डू, शिरा, खीर कोई भी मिठाई ले सकते है।
प्रसाद का तीन हिस्सा करना है। दो हिस्सा मंदिर में भगवान को अर्पण करना है। एक हिस्सा का प्रसाद घर वापस लाना है। घर के सभी सदस्य में बांटना है। खुद भी ग्रहण करना है।
व्रत के समय पुरे दिन नमक नहीं खाना है। दिन में फलाहार कर सकते है। सामकी पूंजा के बाद रात का खाना खा सकते है।
ये व्रत पांच सोमवार तक करना है। प्रति सोमवार इसी प्रकार भगवान भोले नाथ की आराधना करनी है।
पशुपतिनाथ व्रत किसे करना चाहिए ?
पशुपतिनाथ व्रत (Pashupatinath Vrat) को कोई भी स्त्री और पुरुष कर सकता है।
ये व्रत खंडित किये बगैर लगातार पांच सोमवार करना चाहिए।
स्त्री अपने मासिक धर्म के दौरान परिवार के कोई स्नेही स्वजन से पूंजा करा सकती है।
यदि किसी कारण वश व्रत के दिन पूजन शक्य नहीं है तो, व्रत जरूर करे।
पशुपतिनाथ व्रत का उद्यापन- Pashupatinath Vrat Udhyapan Vidhi
- पांच वे सोमवार को इस व्रत का उद्यापन करना है।
- उद्यापन के दिन भी व्रत करके भगवान भोलेनाथ का पूंजन करना है।
- उसदिन नमः शिवाय का जाप करके 108 बिल्व पत्र चढ़ाये।
- एक श्री फल ले और उसपे सात बार मौली लपेटे। श्री फल शिवजी को चढ़ाये।
- भोग में मिठाई के साथ ऋतुफल का भी भोग लगाए।
- मंदिर के ब्राह्मण को दक्षिणा प्रदान करे। एक समय का कच्चा खाना देना है। और जो भी अपनी शक्ति के अनुशार दे सकते है प्रदान करे।
पशुपतिनाथ व्रत से क्या फल मिलता है- Pashupatinath Vrat se Labh
मनुष्य पूर्ण श्रद्धा और भक्ति से ये व्रत करता है तो उसे अवश्य लाभ होता है।
दापंत्य जीवन में कोई मुसीबत है। दांपत्य जीवन थीक नहीं जा रहा है।
नौकरी की समस्या है। अपने काम से परेशान है।
पढाई ठीक नहीं हो रही है। मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
जीवन में अचानक कोई बड़ी समस्या आ गयी है उसे दूर करना है।
विवाह का योग नहीं बनता है तो यह व्रत जरूर करना चाहिए।
निः संतान वैवाहिक जोड़े को संतान प्राप्ति के हेतु से ये करना चाहिए।
ऐसी कही मनोकामनाएं पूर्ण करने हेतु भगवान पशुपतिनाथ का व्रत किया जाता है।
नेपाल भगवान पशुपति नाथ का भव्य मंदिर
Pashupatinath Vrat
शिवपुराण वर्णित पशुपति नाथ व्रत – भोलेनाथ व्रत – Pashupatinath Vrat Vidhi
1 – आप ये व्रत लगातार कर सकते है। या ने की ये व्रत 1, 3, 6,12 दिन तक कर सकते है। ये कही महीनो या साल तक भी कर सकते है।
2 – ये व्रत शिवालय याने भगवान शिव के मंदिर करना चाहिए।
3 – भागवान शिव की पूंजा सुबह में भी करनी है और प्रदोष काल में भी करना है। भगवान शिव की प्रिय वस्तु से पूंजन करना है।
4 – भगवान पशुपतिनाथ पांच मुखी है। इसीलिए हमें हरेक रूप के लिए एक दीपक प्रज्वलित करना है। सुबह और साम पांच पांच दीपक जलाये।
5 – भगवान पशुपतिनाथ को जो भी अर्पित करे वो पांच बार करे।
6 – भगवान पशुपति के पांच मुख है। हम शिवलिंग की पूजा करते है पर हमें अंतर मन से ध्यान करना है की पंच मुखी भगवान हमारे सामने है। हम उनकी आराधना कर रहे है।
7 – व्रत करने वाले को हो सके तो श्वेत वस्त्र धारण करना चाहिए। भगवान को जो अर्पित करेंगे वो भी श्वेत वस्त्र ही अर्पित करेंगे।
8 – सुबह के पूंजन में आप फलो का भोग लगाए और शामको मिठाई का भोग लगाए।
9 – व्रत के समय सिर्फ फलाहार करना है। शाम को पुंजन के बाद मीठा और सात्विक भोजन कर सकते है। घी से बना हुआ मीठा भोजन ग्रहण कर सकते है।
10 – व्रत सम्पूर्ण पवित्रता से होना चाहिए। इस समय अशुद्ध जगह नहीं जाना
है। सूतक वाला घर या मासिक धर्म वाली महिला से अंतर बनाये रखे।
11 – हमें काम, क्रोध, लोभ, मोह से दूर रहना चाहिए। किसीकी निंदा नहीं करनी चाहिए। नहीं किसी की निंदा सुननी चाहिए।
12 – किसी भी व्रत की तरह इसमें भी ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए
पशुपतिनाथ व्रत में शिवजी का पूंजन- Pashupati Nath Vrat Shivji Poonjan
अनुष्ठान के रूप में भी आप ये व्रत कर सकते है। एक दिन के लिए करते है तो पूर्णिमा के दिन करे।
तीन दिन के लिए करते है तो पूर्णिमा से दो दिन पहले याने त्रियोदशी को प्रारम्भ करे। यदि 6 दिन के लिए करते है तो पूर्णिमासे 6 दिन पहले प्रारम्भ करे।
- भगवान पशुपतिनाथ का ध्यान करते हुए अभिषेक करना है।
- हम जो भो अर्पण करे मन में पशुपतिनाथ का स्मरण करके करे।
- 108 बिल्व पत्र अर्पण करे, श्वेत फूल , स्वर्ण कमल ,धुप , पांच दीपक प्रजवल्लित करे।
- प्रदोष काल में भगवान शिव की पूंजा उत्तम मानी जाती है। साम को पूंजा जरूर करे।
भगवान पशुपतिनाथ व्रत में क्या खाना चाहिए ?
जब हम व्रत करते है, तब उपवास आवश्यक है। हमें व्रत के दिन उपवास करना है। हम जो चीजे उपवास के दिन खा सकते है, वोही हम पशुपतिनाथ व्रत ( Pashupatinath Vrat )करके खा सकते है।
हमारे ऋषिमुनियों में हमें उपवास के दिन फलहार करने को कहा है। याने हम एप्पल, बनाना, ग्रेप्स, पाइनेपल ऑरेंज जैसे फल का आहार कर सकते है। या फल का ज्यूस लेना चाहिए।
आज तरह, तरह का फलाहार बाजार में उपलब्ध है। उसे खाके आपको पता ही नहीं चलेगा की आपका व्रत है। हमारे ऋषिमुनियों के रस्ते पर चले तो, ऐसे फलाहार से परहेज करना चाहिए।
पशुपतिनाथ व्रत की पूजन सामग्री
पशुपति व्रत (Pashupatinath Vrat) रखने वाले के मनमे सबसे पहले पूजन सामग्री का विचार बनता है। आम तोर पर हम जिस देवी देवता का व्रत रखते है तो, उस देवी देवता की प्रिय वस्तुएँ पूजन में रखते है। या उन्ही वस्तुऐ का चढ़ावा चढ़ाते है।
यहाँ हमें सोचना है भगवान को क्या प्रिय है ?
भगवान ने कहा है पत्र, पुष्प, फल, तोयं ( पत्र याने पान, पुष्प याने फूल, फल याने फ्रूट और तोयं याने पानी ) यह चीजे भगवान को प्रिय है। हमें यह अर्पण करना चाहिए।
पशुपतिनाथ व्रत विधि की पूजा सामग्री में
- बिल्व पत्र ( शिवजी को चढ़ाये )
- धतूरा के फल एवं फूल ( शिवजी को चढ़ाये )
- पंचामृत ( शिवजी को अभिषेक करे )
- फूल एवं हार ( श्री गणेश, माता गोरी एवं भोलेनाथ को चढ़ाये )
- शुद्ध पानी से भरा कलश ( गंगा है तो उसमे मिलाये )
- दिप एवं घी ( दिप जलाने के लिए )
- फल एवं मिठाई ( प्रसाद भोग लगाने के लिए )
- तुलसी के पान
- मौली ( वस्त्र के रूप में चढ़ाते है )
- अक्षत
- इत्र
- रुद्राक्ष की माला ( मंत्र जाप के लिए )
इससे भी महत्व की बात भगवान कृष्ण ने गीता में कही है।
मय्यर्पित मनो बुद्धि यो मद भक्त समे प्रियः
जो भक्त अपना मन और बुद्धि मुझे अर्पण करता है, वह भक्त मुझे प्रिय है। यहाँ भगवान पशुपतिनाथ को अपना मन और बुद्धि हमें अर्पण करना चाहिए। सम्पूर्ण श्रद्धा भाव से पूजन करना चाहिए।
पूजन की सामग्री में यदि कुछ चीजे छूट गयी या नहीं मिली तो चलेगा पर हमारा मन शिवमय होना चाहिए।
कैसे हुई शिवलिंग की उत्पत्ति एवं अर्थ
शम्भू शरणे पड़ी – शिवजी की स्तुति
भगवान पशुपतिनाथ का ये व्रत (Pashupatinath Vrat) कलयुग में मनुष्यो के दुःख हरने के लिए उत्तम माना गया है। सच्चे मन से भगवान भोलेनाथ में श्रद्धा रख के ये व्रत किया जाये तो शीघ्र ही फल की प्राप्ति होती है। भगवान पशुपतिनाथ आप सबकी मनोकामनाएं पूर्ण करे यह कामना करता हु। इससे जुड़े कोई सवाल है तो, आप कमेंट बॉक्स में लिख सकते हो।
Kya shiv ji ko tin belpatra chdha skte hain kyonki mujhe jyada belpatra nhi mil skti Mharajji
Koshish kariye jarur mil jayenge. fir bhi nahi mil rahe hai to nischint hokar purn shradha bhav se jitne bhi hai vo chadhaye. om namah shivay.
MORNING ME JITNE belpatra CHADHATE H, UTNE HI EVENING M BHI CHADHANE HOTE H KYA
Jay Shri Mahakal 🙏
PASHUPATI NATH Vrat me shamke samya bhi pooja karte hain jaise subah Abhishek karte hain besehi shamko nhi karte hain ??
Yadi 12 bje glti se kuch kha le. To pura din kuch nhi kha kr vrat rkh skte h kya, wo ginayega ya nhi, ya ese me kya kre plzz btaye
गलती को स्वीकार करने की हमारी तैयारी है, हर कोई माफ़ कर सकता है। और यहाँ तो विश्वनियंता की बात हो रही है। आप निःसंकोच व्रत चालू रखिये।
बेलपत्र कम से कम पांच अर्पित करना चाहिए यदि नही मिला तो जो चढ़ाए हैं उसे धोकर पुनः चढ़ा सकते हैं
ब्राह्मण देवता आपसे ऐसे सवाल की उम्मीद नहीं होती। …
Pashupati nath vrat kaa udayapan kis somwar ke kare 5 vaa yaa 6te koo
5th
Agar Somwar ko bhi dusra vrat aagya jo karna jaruri hai toh 7 Somwar Pashupatinath ke vrat kar sakte hain kya
ji ha kar sakte hai
Maine 5 vrat kar liya hai…lekin mujhe laga udhyapan 6th Monday ko karna hai…..Ab kya karu? Vrat khandit to nhi hogya
ap sat somvar pe udhyapan karo
Pashupati vrat karne ki vidhi 2 alag alag varnit kese hai? Konsi vidhi sahi hai ? 5 somvaar ya lagatar 1,3, 6… vrat vali?
Shivpuran me 1,3,6 ka ullekh hai, per log lagatar panch somvar ka vrat bhi karte hai … app sachhe man or shradhdha se koi bhi kariye apki manokamna jarur puri hogi. om namah shivay.
Pashpati vrat ke Doran kahi Bahar Jana pade to vrat khandit to nahi hoga or us paristhiti me kya karna chahiye
koshish kare ki break na ho…bhagvan bholenath duniya me har jagah hai mojud hai. koi bhi mandir me poonjan kar sakte hai.
Agar masik dharm hone pr koi puja krne wala n ho to kya kare vrt kb tk
karen
Seema ji ye ek prakruti ka bhag hai, isme me or app kuchh nahi kar sakte. ha us samay ko chhod dijiye uske age ke somvar ko ginti me le lijiye …hamari shradha atut honi chahiye .
Jab se Suru kare ye vart
Kab se Suru kare ye vart
monday
पति पत्नी दोनो ये व्रत करे तो
प्रसाद का 3 भाग
और 6 दिए
दोनो को अलग अलग ले जाना है क्या
dono ka sath me vrat karne ka vichar achha hai. dono ki ichhaye alag hai to alag karna padega..pr dono koi ek hi mannat ke liye karte hai to ek hi se chalega. dono ko sath me hi poonjan karna hai.
Mai pashupati nath na vart karana chahati hu.. pure lagn se.. muje kab karana hai, kaise karana hai, aur pooja ki purn list nahi mil Rahi hai.. plz mujhe sab jankari de.om namah shivay.
Renuji…AAP Koi bhi Somvar se chalu kar skte hai… Vrat ki puri vidhi article me diya gaya hai use follow kare.
Humne panchve sombar me gr ke bhaher diya ni rakh paie bhool gaie iske liye kya kre
Pooja samgri kon kon si le??
article me last me diya hai.
Ghr par ye vrat kar skte hei kya ??
pojan ke liye shivalay jana chahiye.
Ek vrat ghr pr kiya or dusra mandir mei to ye vrat count hoga nhi .. Kya mandir se hi start kru firse???
Agar bich mein period a jaaye Ghar per koi Na Ho to agale Somwar ko kar sakti hain kya
Vrat ke din Katha Ghar per padhne chahie ya Mandir me
SHIVALAY
Kya kuwari ldkiya b kr skti h kuki shiv ling pr abhishek krna mna hota h shadi se pehle to kaise kre
Bahan aisa kaha likha hai ki kuwari ladkiya abhishek nahi kar sakti ? shiv sabke hai pavitrata se pujan ke.
Pashupati vrat mein namak kha skte hai ek tym
yadi ek time bhojan se upvas karna chahte hai to kha sakte.
Agar vrat suru ho chuka hai aur dusre ya tisre somvaar ko kahi bahar kisi Ghar par rukna pade to kya kare
Meri ye vrat karne ki bahot ichha hai. But hamare ghar ke aas pass shivji ka mandir nahi hai. To please mujhe bataiye ye vrat kaise kare
app gharpe mitti ka shivling bananke pujan kar sakte hai.
Swami ji main ye vrat apne prem vivah me safalta pane k liye karna chahti hun hum dono hi apne career me safal nhi ho parahe hai or age vivah ka koie rasta nhi dikh raha hai bus prabhu humpr krapa kre. Mujhe inper wishvash hai kya main ye vrat kr sakti hun😞😞
हमारी इच्छाये स्वार्थ रहित हो तो बहुत अच्छा है। किसी एक की ख़ुशी के लिए बहुत सारे को दुःखी करे ये ठीक नहीं है। आप व्रत जरूर करिये अपनी इच्छा भी दर्शाइये पर हम सब के लिए जो सही हो, उसी दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा मांगिये।
भगवान किसी के साथ बुरा नहीं करते। ना आपके साथ होगा, न आपके प्रेमी के साथ और नहीं आपके परिवार के साथ। मेरी तरफ से बहुत बहुत शुभकामनाये।
Chhatwa deepak ghr ke right side me jalana h ya ghr ke andr jate samay apne right side me
ghar ke bahar right side
Kya hum Prasad ke saath milk le sakte hai
Ya pehle Prasad phir milk..
le sakte hai
Mane 4 vrat apne ghar k paas k mandir me jaakar pooja ki h…paachwe vrat me dusre sheher me hu jaha dusre mandir me pooja kr sakti hu…Kya ase me vrat safal maane jaenge?
ha, shrushti ke kan kan me shiv hai, kisi bhi mandir me punjan kar sakte hai.
Mai ek working women hu meri duty morning 7 am se start hoti hai toh kya mai ghar par hi puja kar sakti hu..badi duvidha mei hu
Shivalay me jakar kare…Every thing is possible just try..
Agar koi somvar khandit ho jaaye toh kya agle Monday se vrath kar sakte hai n
Firse karna chahiye…khandit murti ko ham repaire nahi karte …Dusri ki pranpratistha karte hai.
MASIK DHARM ME KAISE KARENGE PUJA TO KAR NAHI SAKTE TO FAST RAKHNA JARURI HOTA HAI
no
sham ki puja 7 se :30 k bich kar sakte hai kya?? please reply.
SANDHYA KAL Suryast se kuchh samay pehle se kuchh samay bad.
kya maike me yeh upvas kar sakte hai?
HA UPVAS KAHI BHI KAR SAKTE HAI
गुरुजी मैने तीसरे सोमवार को व्रत में गलती से दोपहर के समय कुछ खा लिया पर मैने फिर श्याम को मंदिर में पूजा करने के बाद सिर्फ भोग वाला प्रसाद ग्रहण किया तो इससे मेरा व्रत खराब तो नही हुआ और अगर हो गया तो क्या करू गुरुजी ?
bhagvan kalyan kari hai… atut vishvas rakhke chalu rakhiye…no problem
Kya mene jis mandir m pahla vrat kia h har somvar usi mandir m pooja krni h , ya koi dusra shiv mandir m b pooja kr skti hu?
shiv kan kan me hai, ap kahi bhi poonja kar sakte hai
In morning what time we should go and in evening also what time we should go.
already mention, please read and find out.
Agar Galti se din main namak grahan kr liya ho
Toh kya kare vrat khandit ho jayega kya
nahi hoga
Maine ek vrat ek mandir me Kiya hu ab Mai waha nhi hu to kisi or mandir me vrat kar sakte hai kya
Pasupati brat dusre mandir me kar sakte hai??
ha ap koi bhi mandir me poonjan kar sakte hai…