सनातन हिन्दू धर्म में आरती का बहुत महत्व है। लगभग सभी देवी देवताओ के लिए लय बध्ध तरीके से आरती का गान किया जाता है। आरती के शब्दों में धर्म और ज्ञान दोनों का समन्वय है। आरती में अपने देवी देवता के रूप एवं कार्यो का दर्शन होता है। शिव आरती (Shivji ki Aarti) हरेक शिवालय एवं मंदिर में गायी जाती है।
आरती भगवान और भक्त के सम्बन्ध को नजदीक लाती है। भागवान भोले नाथ की आरती भी प्रातः कल एवं सायं काल में होती है। यहाँ भगवान शंकर की दो आरती प्रस्तुत है। जिसमे से जय शिव ओंकारा बहुत ही प्रचलित है।
Shiv Aarti – शिव आरती
भगवान भोले नाथ
जय शिव ओंकारा आरती
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
भ्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्धांगी धारा।
ॐ जय शिव ओंकारा। …
एकानन चाहतूरानन पंचानन राजे।
हंसा नन गरुड़ासन वृषवाहन साजे।
ॐ जय शिव ओंकारा ….
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे।
ॐ जय शिव ओंकारा…
अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी।
ॐ जय शिव ओंकारा….
श्वेताम्बर पीताम्बर वाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे।
ॐ जय शिव ओंकारा….
कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूल धारी।
सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी।
ॐ जय शिव ओंकारा ….
भ्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर में शोभी ये तीनो एका।।
ॐ जय शिव ओंकारा ….
लक्ष्मी व् सावित्री पार्वती संगा।
पार्वती अर्द्धांगी, शिव लहेरी गंगा।
ॐ जय शिव ओंकारा….
पर्वत सोहे पार्वती, शंकर कैलासा।
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा।
ॐ जय शिव ओंकारा…..
जटा में गंग बहत है, गल मुण्डल माला।
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला।
ॐ जय शिव ओंकारा…..
काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी भ्रह्म चारी।
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी।
ॐ जय शिव ओंकारा…..
त्रिगुणस्वामी जी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे।
ॐ जय शिव ओंकारा ….
जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव हर ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा।।
ॐ जय शिव ओंकारा ….
शिवजी जी दूसरी आरती भी यहाँ प्रस्तुत है। ये आरती भी कही शिवालयों में गायी जाती है।
भोलेनाथ की आरती – Shivji Ki aarti in Hindi
सत्य सनातन सुन्दर शिव सबके स्वामी।
अविकारी, अविनाशी, अज अंतयामी ।।
हर हर हर महादेव
आदि अनंत अनामय अकल कलाधारी।
अमल अरूप अगोचर अविचल अधहारी ।।
हर हर हर महादेव
ब्रह्मा विष्णु महेश्वर तुम त्रिमूर्तिधारी ।
कर्ता भर्ता घर्ता तुम ही संहारी ।।
हर हर हर महादेव
रक्षक भक्षक प्रेरक प्रिय ओघरदानी ।
साक्षी परम अकर्ता कर्ता अभिमानी।।
हर हर हर महादेव
मणिमई भवन निवासी अतिभोगी रागी ।
सदा श्मशान विहारी, योगी वैरागी ।।
हर हर हर महादेव
छाल कपाल, गरल गल, मुण्डमाल व्याली।
चिताभस्म तन त्रिनयन, अयन महाकाली ।।
हर हर हर महादेव
प्रेत पिचाश सुसेवित पिट जटाधारी ।
विवसन विकत रूपधर रूद्र प्रलय कारी।।
हर हर हर महादेव
शुभ्रा सौम्य, सुरसरिधर शशीघर सुखकारी।
अतिकमनीय शान्तिकर शिवमुनि मनहारी ।।
हर हर हर महादेव
निर्गुण सगुन निरंजन जगमय नित्य प्रभो।
कालरूप केवल हर, कालातीत विभो ।।
हर हर हर महादेव
सात चित आनंद रसमय, करुणामय धाता।
प्रेम सुधा निधि प्रियतम, अखिल विश्व त्राता।।
हर हर हर महादेव
हम अतिदीन दयामय चरण शरण दीजै।
सब विधि निर्मल मति कर अपना कर लीजे।
हर हर हर महादेव
कहते के की भगवन भोले नाथ जल्द ही खुश हो जाते है। खास कर सावन मास में शंकर भगवान की पूजा अर्चना एवं आरती का विशेष महत्व है। शिवजी की आरती (Shivji ki Aarti) घर या मंदिर दोनों जगह की जाती है। वैसे सावन महीने में भोलेनाथ की आरती के लिए बहुत सारी भीड़ मंदिर में इक्कठी होती है।
भगवान शिव की आरती (Shivji Ki Aarti) कब होती है ?
आमतौर पर भगवान भोले नाथ की आरती सुबह और साम के समय में होती है।
उज्जैन के महाकालेश्वर में सुबह 4 बजे भस्म आरती होती है। इस आरती का विशेष महत्व है।
भगवान शिवजी को दुखो का संहारक एवं जीवन का संचालक माना जाता है।
भोले भंडारी हर भक्त की मनोकामना पूर्ण करते है। भक्त भगवान शिव की उपासना करते है। पूजन अर्चन करते है और आरती करते है।
Very interesting blog. Thank you for sharing good and interesting information. Very helpful article.
hanumanchalisalyrics
Thanks for showing that kind of knowledge on your portal.
You have done all good.
I love to see you again with some new content.
hanumanchalisalyrics
Your article is so insightful and detailed that I got to learn new concepts and develop my skills.. thank you so much
hanumanchalisalyrics